Friday, March 26, 2010

इंतज़ार

              इंतज़ार

इस जीवन में कब तक पतझड़ रहेगा ?

आप आओ बहार लाओ I

कब तक प्यासा कुएं के पास तडपेगा ?

आप आओ तृप्त कर जाओ I

नींद में सपनों को कौन बुनेगा ?

आप आओ सपनों का आगाज होगा I

कब तक सांसों को थामें रखूँगा ?

आप  आओ ब्यार बहेगा I

अब धड़कन रुकने लगी है

आप आओ आ भी जाओ II

3 comments:

...Abhiket+thoughts... said...

Huh.....Nice....aap likho main padhunga.... :P

Nishant said...

@ abhiket
aap mar jao mai wait karunga.

@ Author
sensitive stuff dude. ise padh kar toh koi bhi aa jayega/jayegi (context dependant)

In search of ultimate happiness.. said...

nice one!